1)प्रश्न: मैं 36 वर्ष की विवाहिता हूं। पिछले तीन माह से मेरे दाहिने ब्रेस्ट में एक गांठ है जिसे दबाने पर दर्द महसूस नहीं होता। मुझे क्या करना चाहिए? शिल्पा, भोपाल इस उम्र में गांठ की जांच जरूर करवाएं। आप तुरंत एक मैमोग्राफी करवाएं और रिपोर्ट के साथ किसी कुशल शल्य-चिकित्सक से संपर्क करें । शायद उसकी सोनो-मैमॉग्रफ़ी करने और या बायप्सी करने की भी जरूरत पड़े। 2)प्रश्न: मेरे पीरियड्स अनियमित रहते हैं। पीरियड्स आने के आठ-दस दिन पहले कमर, पेट के निचले हिस्से और सिर में तेज दर्द रहता है। मेरी समस्या का उचित इलाज बताएं। सरोज पांडे, जबलपुर। आप अपना हीमोग्लोबिन चेक करवाएं। अगर हीमोग्लोबिन से कम है तो डॉक्टर की राय से आयरन सप्लीमेंट लें। अपने आहार में प्रोटीन की मात्रा बढा दें। साथ ही पेल्विक अल्ट्रासाउंड भी करवाएं। पौष्टिक आहार और नियमित व्यायाम से आपको काफी हद तक राहत मिलेगी। उसके बाद भी कोई समस्या होती है तो किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच करवाएं। 3)प्रश्न: 2 महीने पहले मेरे एक्स-रे में पेशाब के थैली में 2-4एमएम की पथरी दिखी थी मुझे पेट के दाहिनी ओर कभी-कभी दर्द रहता है। कई दवाइयाँ ली पर दर्द नहीं जाता क्या करे? मोहन अग्रवाल, कोल्हापुर। उत्तर: अगर आपकी पथरी मूत्रथैली और मूत्रनली के संधिस्थल पर है तो हाइड्रोथेरपी का इस्तमाल करे भरपूर पानी पियें। हर घंटे काम से काम एक ग्लास पानी का सेवन करें। कुछ पथरियाँ एक्स रे से दिखाईं नहीं पड़ती तो इसके लिए आवश्यक है की एक अल्ट्रसाउंड कराए।अगर तब भी पथरी नहीं दिखे तब चिकित्सक से ज़रूर परामर्श लें। 4)प्रश्न: मुझे स्तंभन दोष है जिसके कारण मुझे विवाहित जीवन में काफ़ी दिक़्क़तो का सामना करना पड़ रहा है? रामानुज, हैदराबाद। स्तंभन दोष (ईडी) एक अवस्था होती है जिसमें एक पुरुष सम्भोग के दौरान उत्तेजनाविहीन हो जाता है | यह हर उम्र के मर्दों के बीच पाया जा सकता है | यह शारीरिक तथा मानसिक दोनों तरह के कष्ट दे सकता है | अच्छी खबर यह है की इस अवस्था का ज्यादातर मामलों में आसान इलाज है , पर अगर सही उपचार न किया गया तो सामान्य जीवन में कई तरह की दिक्कतें पैदा कर सकता है | 5)प्रश्न: मैं बहुत निराश्रय और परेशान रहता हूँ। मेरी उम्र 35 साल है। मैं एक निजी संस्था में काम करता हूँ। बहुत बार मेरे मन में ग़लत ख़याल भी आते है। कोई सुझाव दें। विश्वनाथ, रायपुर। अवसाद का अगर सही उपचार न किया गया तो धीरे-धीरे मनुष्य के अन्दर क्रोध, कुंठा और क्षोभ भर देता है | मानोचिकित्सक की सलाह लेना बहुत आवश्यक है ताकि उनका सही उपचार हो सके | अपने चिकित्सक और साथी को बताएँ कि आप उदास या निराश महसूस कर रहे हैं| खुलकर अपनी भावनाओं को ज़ाहिर करना अवसाद को मात देने का पहला कदम है | अवसाद के साथ जुड़े सबसे आम लक्षण इस प्रकार हैं: • उदासी • आत्मविश्वास में कमी • शारीरिक और मानसिक थकावट • भूख में आकस्मिक कमी या वृद्धि • अनिद्रा • अकेलेपन की भावना यदि आप स्तम्भन दोष और उपरोक्त लक्षणों से पीड़ित हैं, तो आपको यह सलाह है कि आप योग्य चिकित्सक सहायता लें | बिना शर्मिंदा हुए खुलकर अपने चिकित्सक से बात करें क्यूंकि इसमें शर्माने वाली कोई बात ही नहीं है | आपके चिकित्सक तब आपको अवसाद के उचित उपचार के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं | उपचार में अवसादविरोधी दवाओं और परामर्श शामिल हो सकते हैं | चिकित्सक को अपनी अवस्था के बारे में बताने में संकोच न करें क्यूंकि उसे आपकी दवा निर्धारित करने के लिए सारी जानकारी आवश्यक है | सही चिकित्सा की सहयता से अपने भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को भी पुनः प्राप्त करें | इस भाग के लिए पाठक अपने सवाल भेजते समय अपना पूरा केस हिस्ट्री व ज़रूरी मेडिकल रिपोर्ट साथ ज़रूर भेजें। आपकी समस्या इस ईमेल आइडि पर भेजे
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